गिनती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने पर फोकस, पहला प्रयोग बिहार विधानसभा में होगा चुनाव
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव सुधारों की शृंखला में एक नया नियम तय किया है। इसके तहत अब मतगणना के दौरान डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने के बाद ही ईवीएम के अंतिम दो चरणों की गिनती की जाएगी । निर्वाचन अधिकारी के लिए यह सुनिश्चत करना जरूरी होगा कि अधिक संख्या में डाक मतपत्र प्राप्त होने पर उनकी गणना समय से हो इसके लिए पर्याप्त संख्या में गणना अधिकारी मौजूद हो ।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुवाई वाले चुनाव आयोग की इस वर्ष की गई यह ऐसी 30वीं पहल है जिससे मतदान प्रक्रिया सुगम और सरल हो। हाल ही में चुनाव आयोग ने वृद्ध मतदाताओं के लिए मतपत्रों से घर से ही वोटिंग की सुविधा शुरू की है इससे भी मतपत्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चुनाव के दौरान मतगणना वाले दिन डाक मतपत्रों की गिनती सुबह 8 बजे एवं ईवीएम से होने वाली गिनती 8:30 बजे शुरू होती थी। कई बार ऐसा भी होता था कि ईवीएम से गिनती पूरी हो जाती थी और डाक मतपत्रों से गिनती जारी रहती थी। इस स्थिति को ठीक करने के लिए आयोग ने आज यह फैसला लिया ।
आयोग ने बताया कि हाल ही में दिव्यांग मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर से मतदान की सुविधा शुरू की गई है। इसके चलते डाक मतपत्रों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में गिनती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना बेहद जरूरी हो गया है। नई व्यवस्था का पहला प्रयोग बिहार विधानसभा चुनावों में होगा, जो नवंबर में होने जा रहे हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इससे गिनती प्रक्रिया अधिक एकरूप और पारदर्शी बनेगी। आयोग का कहना है कि इससे मतदाताओं और उम्मीदवारों के बीच किसी भी तरह के भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी ।
पर्याप्त संसाधनों की व्यवस्था
चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन निर्वाचन क्षेत्रों में डाक मतपत्रों की संख्या अधिक होगी, वहां पर्याप्त संख्या में टेबल और गिनतीकर्मी लगाए जाएं। इसका उद्देश्य गिनती में देरी को रोकना और प्रक्रिया को समयबद्ध बनाना है।
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